आईटीसी होटल्स को बुधवार, 5 फरवरी को बाजार खुलने से पहले 22 बीएसई सूचकांकों से हटा दिया गया। आईटीसी लिमिटेड से अलग हुई इस कंपनी को अस्थायी रूप से सेंसेक्स और अन्य सूचकांकों में शामिल किया गया था ताकि निष्क्रिय फंड्स के लिए पोर्टफोलियो पुनर्संतुलन की सुविधा मिल सके।
आईटीसी होटल्स के शेयरों ने 29 जनवरी को स्वतंत्र रूप से कारोबार करना शुरू किया था। बीएसई की एक अधिसूचना में कहा गया, "आईटीसी होटल्स निचले सर्किट तक नहीं पहुंची, इसलिए कंपनी को बुधवार के ट्रेडिंग से पहले सभी बीएसई सूचकांकों से हटा दिया जाएगा।"
शेयरों में गिरावट, निवेशकों पर असर
आईटीसी होटल्स के शेयर मंगलवार को ₹165 पर बंद हुए, जो 4.16% की गिरावट दर्शाता है। सेंसेक्स से स्टॉक हटने के कारण इंडेक्स ट्रैकर्स को ₹400 करोड़ से अधिक के शेयर बेचने पड़े, जबकि एनएसई निफ्टी से हटने पर ₹700 करोड़ के अतिरिक्त बिकवाली का अनुमान है।
कंपनी ने एनएसई और बीएसई पर क्रमशः ₹180 और ₹188 प्रति शेयर पर डेब्यू किया था, जिससे इसकी बाजार पूंजी ₹39,126.02 करोड़ रही। हालांकि, यह घटकर अब ₹34,266.48 करोड़ हो गई है।
मजबूत प्रदर्शन के बावजूद बाजार में अस्थिरता
आईटीसी होटल्स ने वित्त वर्ष 2019 से 2024 के बीच जबरदस्त प्रदर्शन दिखाया है। इस दौरान इसका औसत कमरे का किराया (ARR) ₹7,900 से बढ़कर ₹12,000 हुआ, जो 51.9% की वृद्धि दर्शाता है (CAGR 8.7%)। वहीं, रेवेन्यू पर अवेलेबल रूम (RevPAR) ₹5,200 से ₹8,200 हो गया, जो 57.7% की वृद्धि (CAGR 9.5%) है।
वित्त वर्ष 2024 में कंपनी की कुल आय का 52% कमरों की बिक्री से और 40% खाद्य व पेय पदार्थों (F&B) से आया।
विश्लेषकों की राय
विश्लेषकों का मानना है कि होटल इंडस्ट्री में मजबूत मांग और सीमित नई क्षमता के कारण आईटीसी होटल्स को लंबी अवधि में लाभ होगा। आईटीसी लिमिटेड ब्रांड और गवर्नेंस का समर्थन जारी रखेगी, जिससे होटल कारोबार के लिए बेहतर रिटर्न प्रोफाइल बन सकेगी।
हालांकि, निकट भविष्य में आईटीसी होटल्स के शेयरों में अस्थिरता बनी रह सकती है, लेकिन दीर्घकालिक दृष्टि से कंपनी की संभावनाएं मजबूत मानी जा रही हैं।
