मुंबई: प्रसिद्ध यूट्यूबर रणवीर अल्लाहबादिया को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। वह हाल ही में कॉमेडियन समय रैना के शो ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ में बतौर जज नजर आए थे, जहां उन्होंने एक प्रतिभागी के माता-पिता को लेकर टिप्पणी की थी। इस टिप्पणी के चलते कई शिकायतें दर्ज की गई हैं और मुंबई पुलिस ने मंगलवार को उनके आवास पर पहुंचकर मामले की जांच शुरू कर दी है।
क्या है पूरा मामला?
यूट्यूबर रणवीर अल्लाहबादिया, जिन्हें ‘बीयर बाइसेप्स’ के नाम से भी जाना जाता है, समय रैना, प्रभावशाली व्यक्तित्व अपूर्वा मखीजा और अन्य लोगों के साथ ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ में शामिल हुए थे। इसी दौरान उन्होंने एक प्रतियोगी के माता-पिता पर टिप्पणी की, जिसे लेकर कई लोगों ने आपत्ति जताई।
इस विवाद के चलते मुंबई और असम में अल्लाहबादिया के खिलाफ कई एफआईआर दर्ज की गई हैं। पुलिस ने बताया कि वह इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और अल्लाहबादिया, समय रैना, अपूर्वा मखीजा समेत अन्य नामजद लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया गया है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
इस विवाद में राजनीतिक प्रतिक्रिया भी देखने को मिली है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने इस पर बयान दिए हैं। हिमंत शर्मा ने पुष्टि की कि यूट्यूबर अशीष चंचलानी, कॉमेडियन जसप्रीत सिंह, अपूर्वा मखीजा और अन्य लोगों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है।
फडणवीस ने कहा, "हर किसी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है, लेकिन यह स्वतंत्रता वहीं तक सीमित है, जहां किसी और की स्वतंत्रता प्रभावित न हो। यदि कोई इसकी सीमाएं पार करता है, तो कार्रवाई की जाएगी।"
माफी और प्रतिक्रिया
विवाद बढ़ता देख रणवीर अल्लाहबादिया ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर माफी जारी की। उन्होंने कहा, "मेरी टिप्पणी न केवल अनुचित थी, बल्कि हास्यास्पद भी नहीं थी। कॉमेडी मेरा क्षेत्र नहीं है और मुझसे एक गलती हो गई। मैं बिना किसी बहाने के बस माफी मांगने आया हूं।"
उन्होंने आगे कहा कि वह अपने मंच का उपयोग इस तरह नहीं करना चाहते थे। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह अपनी गलती का कोई औचित्य या स्पष्टीकरण नहीं देंगे। "यह मेरी व्यक्तिगत चूक थी। यह मेरी ओर से सही नहीं था," उन्होंने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर साझा किए गए वीडियो में कहा।
संसद में गूंजा विवाद
शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इस मुद्दे को संसद में उठाने की बात कही। उन्होंने कहा, "जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया गया, वह बेहद आपत्तिजनक और समाज की मर्यादा से बाहर है। यदि ये कंटेंट क्रिएटर्स खुद को नियंत्रित नहीं करते हैं, तो सरकार को हस्तक्षेप करना पड़ेगा।"
उन्होंने कहा, "यह सिर्फ एक वीडियो की बात नहीं है, कई कंटेंट क्रिएटर्स सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर इसी तरह की सामग्री से पैसा कमा रहे हैं और बिना किसी जवाबदेही के बच रहे हैं।"
निष्कर्ष
इस पूरे विवाद ने डिजिटल क्रिएटर्स की जिम्मेदारियों को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है। सोशल मीडिया पर सामग्री साझा करने की स्वतंत्रता के साथ-साथ इसकी सीमाओं पर भी चर्चा तेज हो गई है। देखना होगा कि जांच के बाद इस मामले में क्या कार्रवाई होती है और यह विवाद कहां तक पहुंचता है।
