नई दिल्ली, 26 फरवरी 2025: टेस्ला (Tesla) ने आखिरकार भारत में अपने इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) को लॉन्च करने की योजना को तेज कर दिया है। इस सिलसिले में टेस्ला के सीईओ एलन मस्क (Elon Musk) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से मुलाकात की है। इस बैठक के बाद टेस्ला ने दिल्ली और मुंबई में अपने पहले शोरूम खोलने की तैयारी शुरू कर दी है।
टेस्ला की एंट्री से भारतीय कंपनियों को झटका
टेस्ला के भारत में प्रवेश से घरेलू वाहन निर्माताओं, जैसे टाटा मोटर्स, महिंद्रा और ओला इलेक्ट्रिक के लिए चुनौती बढ़ गई है। पहले से ही ईवी बाजार में मांग कमजोर है और टेस्ला की मौजूदगी से प्रतिस्पर्धा और बढ़ेगी।
टेस्ला क्यों बना गेम चेंजर?
- कम दाम पर हाई-टेक ईवी: सरकार की नीतियों के चलते टेस्ला अपने कुछ मॉडल्स को लोकल असेम्बली के जरिए किफायती कीमतों पर लॉन्च कर सकती है।
- इनोवेटिव टेक्नोलॉजी: ऑटो पायलट, लंबी बैटरी लाइफ और स्मार्ट एआई जैसे फीचर्स भारतीय ग्राहकों को आकर्षित कर सकते हैं।
- इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट: टेस्ला अपने सुपरचार्जर नेटवर्क को भारत में तेजी से फैलाने की योजना बना रहा है।
सरकार की EV पॉलिसी से टेस्ला को फायदा
भारत सरकार "मेक इन इंडिया" योजना के तहत विदेशी कंपनियों को देश में उत्पादन के लिए आकर्षित कर रही है। अगर टेस्ला भारत में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाता है, तो उसे टैक्स में भारी छूट मिल सकती है, जिससे गाड़ियों की कीमत कम हो सकती है।
स्थानीय कंपनियों की रणनीति क्या होगी?
टाटा मोटर्स और महिंद्रा पहले ही कई सस्ते इलेक्ट्रिक मॉडल बाजार में उतार चुके हैं। लेकिन टेस्ला के प्रीमियम सेगमेंट में आने के बाद ये कंपनियां भी अपने हाई-एंड इलेक्ट्रिक वाहनों पर ध्यान केंद्रित कर सकती हैं।
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