केंद्र सरकार ने केदारनाथ और हेमकुंड साहिब के लिए रोप-वे परियोजनाओं को हरी झंडी दे दी है। इन परियोजनाओं के माध्यम से धार्मिक यात्रियों को आसान और सुरक्षित यात्रा सुविधा मिलेगी, जिससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। यह कदम क्षेत्र के पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।
केदारनाथ रोप-वे परियोजना:
गौरीकुंड से केदारनाथ मंदिर तक बनने वाली इस रोप-वे परियोजना की कुल लंबाई लगभग 9.7 किलोमीटर होगी। मौजूदा समय में इस मार्ग को तय करने में लगभग 6-8 घंटे लगते हैं, लेकिन रोप-वे सेवा के शुरू होने के बाद यह यात्रा केवल 30 मिनट में पूरी की जा सकेगी। यह परियोजना विशेष रूप से बुजुर्ग और दिव्यांग श्रद्धालुओं के लिए राहतकारी साबित होगी।
हेमकुंड साहिब रोप-वे परियोजना:
गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक प्रस्तावित रोप-वे की कुल लंबाई लगभग 12.4 किलोमीटर होगी। यह परियोजना श्रद्धालुओं को ऊंचाई और कठिन रास्तों की चुनौतियों से बचाएगी और यात्रा के समय को भी काफी हद तक कम करेगी।
सरकार ने कहा है कि इन परियोजनाओं के निर्माण में पर्यावरण के अनुकूल तकनीकों का उपयोग किया जाएगा। इससे न केवल यात्रियों की सुविधा बढ़ेगी, बल्कि स्थानीय समुदायों को भी रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
पर्यटन मंत्री ने कहा, 'यह परियोजनाएं धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाएंगी। जल्द ही निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।'
ये परियोजनाएं आने वाले वर्षों में देश के पर्यटन मानचित्र पर एक नया अध्याय जोड़ेंगी और श्रद्धालुओं के लिए यात्रा को यादगार बनाएंगी।
