BharatGen AI पहल: भारत का स्वदेशी मल्टीमॉडल और बहुभाषी AI मॉडल

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नई दिल्ली, 11 मार्च 2025 – भारत ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए भारतजेन (BharatGen) की शुरुआत की है। यह एक ओपन-सोर्स, मल्टीमॉडल, बहुभाषी और भारत-केंद्रित फाउंडेशन मॉडल है, जिसे 30 सितंबर 2024 को आधिकारिक रूप से लॉन्च किया गया था।




स्वदेशी AI की ओर कदम

भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा वित्तपोषित इस परियोजना को "राष्ट्रीय मिशन ऑन इंटरडिसिप्लिनरी साइबर-फिजिकल सिस्टम्स" के तहत विकसित किया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य विदेशी AI मॉडलों पर निर्भरता को कम करना और राष्ट्रीय सुरक्षा, रक्षा, शासन और अनुसंधान जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में स्वदेशी तकनीक को बढ़ावा देना है।


AI में आत्मनिर्भरता क्यों जरूरी?

आज की डिजिटल दुनिया में AI का महत्व तेजी से बढ़ रहा है। हाल के वर्षों में देखा गया है कि वैश्विक AI कंपनियां भारतीय डेटा और भाषाओं को अपनी सेवाओं के लिए उपयोग कर रही हैं, लेकिन इनका नियंत्रण विदेशी संस्थाओं के पास है। इससे डेटा गोपनीयता और सुरक्षा को लेकर कई चिंताएं उठी हैं। भारतजेन का लक्ष्य एक ऐसा स्वदेशी AI इकोसिस्टम तैयार करना है, जो भारतीय भाषाओं, सांस्कृतिक संदर्भों और उपयोगकर्ताओं की जरूरतों के अनुरूप हो।


भारत की भाषाई विविधता पर फोकस

भारत में 1,600 से अधिक भाषाएं और लिपियां प्रचलित हैं, लेकिन अधिकतर AI मॉडल सिर्फ अंग्रेजी और कुछ प्रमुख भारतीय भाषाओं तक ही सीमित रहते हैं। भारतजेन इन भाषाई और सांस्कृतिक विविधताओं को समाहित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिससे भारतीय यूजर्स को बेहतर स्थानीय और सटीक AI समाधान मिल सकें।


भारतजेन के प्रमुख लाभ

मल्टीमॉडल AI: यह न केवल टेक्स्ट, बल्कि आवाज, इमेज और वीडियो डेटा को भी सपोर्ट करता है।
स्वदेशी भाषा समर्थन: भारत की अधिकांश भाषाओं में जानकारी प्रोसेस करने में सक्षम।
सुरक्षा और आत्मनिर्भरता: विदेशों पर निर्भरता कम करके राष्ट्रीय डेटा सुरक्षा को मजबूत करेगा।
ओपन-सोर्स उपलब्धता: स्टार्टअप्स, शोधकर्ता और इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स इसे अपने प्रोजेक्ट्स में उपयोग कर सकते हैं।


2026 तक पूरा होगा प्रोजेक्ट

भारतजेन परियोजना को भारतीय वैज्ञानिकों और अनुसंधान संस्थानों के एक बड़े समूह द्वारा विकसित किया जा रहा है। इसे 2026 तक पूरी तरह से लागू करने की योजना है, जिसके बाद यह आम उपयोग के लिए उपलब्ध होगा।


निष्कर्ष

भारतजेन न केवल भारत को AI में आत्मनिर्भर बनाएगा, बल्कि देश में स्थानीय इनोवेशन, डिजिटल समावेशन और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा। AI की इस क्रांति के साथ, भारत जल्द ही ग्लोबल AI लीडरशिप में अपनी जगह बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

 

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