नई दिल्ली, 8 मार्च 2025 – भारत को तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, सूचना मंत्री ने टेक कंपनियों से स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम (ओएस) विकसित करने का आग्रह किया है। यह पहल सरकार की भारत को एक वैश्विक तकनीकी शक्ति बनाने की दृष्टि के अनुरूप है, जिससे विदेशी सॉफ़्टवेयर इकोसिस्टम पर निर्भरता कम की जा सके।
डिजिटल स्वतंत्रता की ओर एक कदम
मंत्री ने जोर देते हुए कहा कि भारत केवल वैश्विक टेक दिग्गजों के लिए सेवा प्रदाता न बनकर, नवीनतम तकनीकी विकास में अग्रणी भूमिका निभाए। उन्होंने कहा, "भारत को शीर्ष पांच तकनीकी देशों में शामिल करने के लिए, हमें अपना खुद का मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम विकसित करने की आवश्यकता है। यह हमारी डिजिटल संप्रभुता को मजबूत करेगा और घरेलू टेक्नोलॉजी इकोसिस्टम को बढ़ावा देगा।"
वर्तमान में, वैश्विक मोबाइल ओएस बाजार एंड्रॉइड और आईओएस के नियंत्रण में है, जिससे अन्य विकल्पों के लिए सीमित अवसर हैं। मंत्री ने कहा कि एक भारतीय ओएस देश की बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्था की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर एक सुरक्षित और अनुकूलनीय विकल्प प्रदान कर सकता है।
स्टार्टअप और आईटी उद्योग को मिलेगा बढ़ावा
स्वदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम का विकास भारतीय स्टार्टअप, सॉफ़्टवेयर डेवलपर्स और हार्डवेयर निर्माताओं के लिए नए अवसर पैदा कर सकता है। सरकार इस क्षेत्र में नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए प्रोत्साहन, वित्तीय सहायता और नीतिगत समर्थन देने की योजना बना रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि एक भारतीय ओएस स्थानीय आवश्यकताओं जैसे क्षेत्रीय भाषाओं के समर्थन, साइबर सुरक्षा को मजबूत करने और देश की डिजिटल अवसंरचना के साथ बेहतर एकीकरण के लिए उपयुक्त होगा।
चुनौतियां और संभावनाएं
हालांकि, स्वदेशी ओएस विकसित करने का विचार आशाजनक है, लेकिन यह ऐप संगतता, उपयोगकर्ता अपनाने की दर और वैश्विक प्रतिस्पर्धा जैसी चुनौतियों के साथ आता है। फिर भी, भारत के विशाल कुशल डेवलपर्स और मजबूत आईटी बुनियादी ढांचे को देखते हुए, विशेषज्ञ इस परियोजना की सफलता को लेकर आशान्वित हैं।
सरकार शीर्ष टेक कंपनियों, अनुसंधान संस्थानों और स्टार्टअप इनक्यूबेटरों के साथ सहयोग कर इस विकास प्रक्रिया को तेज करने की योजना बना रही है। यदि यह पहल सफल होती है, तो यह भारत की वैश्विक तकनीकी स्थिति को नया आकार दे सकती है।
निष्कर्ष
स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम की मांग भारत की तकनीकी नवाचार और आत्मनिर्भरता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। जैसे-जैसे देश डिजिटल परिवर्तन की ओर बढ़ रहा है, एक घरेलू ओएस एक गेम-चेंजर साबित हो सकता है, जो वृद्धि, सुरक्षा और मोबाइल टेक्नोलॉजी क्षेत्र में वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगा।
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